मराठा समाज के साथ सरकार न्याय करें- राजे मुधोजी भोंसले
- कुणबी शब्द का पंजीकरण कुनबी उल्लेख नहीं होने पर आरक्षण का तात्त्पर्य क्या
नागपुर. सकल मराठा समाज विदर्भ प्रदेश के तत्वाधान में पत्रपरिषद का आयोजन पत्रकार क्लब सिविल लाइन्स में किया गया.इस अवसर पर राजे मुधोजी भोंसले, राजे युवराजसिंह भोंसले, श्वेता भोंसले ,ललित पवार,सचिन नाइक ,शिरिष शिर्के,गणेश गरुड सहित मराठा समाज के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
अपने सम्बोधन में राजे मुधोजी भोंसले ने कहा कि गत 60 वर्षों से संविधान में अत्यंत पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया गया. जो की समाज को जोड़ने में सहायक सिद्ध हुई. उन्होंने कहा कि1981 में माथाडी कामगार नेता समाज भूषण अन्नासाहेब पाटिल मराठा आरक्षण के जनक थे.अब तक उनके किये गए अथक प्रयास के बाद भी सरकार की गैरसमाज से उचित आरक्षण नहीं मिल पाया.सर्वोच्च न्यायलय ने आरक्षण को रद्द करा दिया.मराठा समाज के आरक्षण के लिए 58 मोर्चे निकाले गए. जिसमें सैकड़ों समाज बंधुओं ने अपने प्राणों की आहुति भी दे दी.उन्होंने कुणबी को ओ बी सी में समाविष्ट करके पंजीकरण किए जाने को ठीक कहा.लेकिन मराठा समाज के व्यक्ति को कागज़ पर सिर्फ मराठा लिखे जाने पर इसका उल्लेख पत्रकारों के समक्ष किया गया.
इसमें पिछड़ा आयोग की भूमिका पर राजे मुधोजी ने उसकी भूमिका पर चिंता जताई .मराठा व्यक्ति के जाति प्रमाणपत्र और आरक्षण प्रमाणपत्र पर भी उन्होंने प्रश्न उठाया.
उन्होंने मनोज जरांगे द्वारा मराठा आरक्षण के प्रयास का भी उल्लेख किया.सरकार भ्रम पैदा कर रही है. महाराष्ट्र में ओ बी सी विरुद्ध मराठा विवाद उत्पन्न होने की बात पत्रकारों के समक्ष विज्ञप्ति में दी है.
मराठा कुनबी मराठा कुनबी के कहने पर उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए मराठा समाज के साथ न्याय की गुहार लगाई गई है।