ज्ञान बाँटने से बढ़ता है, पिछड़े,वंचितों को शिक्षा का लाभ मिले:-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू.
-रातुम, नागपुर विद्यापीठ के 111 वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति का आह्वान
नागपुर.(आनन्दमनोहर जोशी)
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के तत्वावधान में विद्यापीठ के 111 वे वर्ष पर दीक्षांत समारोह का आयोजन रेशमबाग स्थित कविवर्य सुरेश भट्ट सभागृह मे शनिवार को सुबह किया गया.कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि भारत की राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू उपस्थित थीं.
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यापीठ के कुलपति और महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने की.. इस अवसर पर बतौर अतिथि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस,उच्च व तंत्र शिक्षण मंत्री चन्द्रकांतदादा पाटिल,रातूम नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. -सुभाष चौधरी,प्र.कुलगुरु डॉ.संजय दुधे उपस्थित थे. प्रस्ताविक और विद्यापीठ के इतिहास की जानकारी कुलगुरु ने दी.
सभी अतिथियों का सत्कार कुलपति द्वारा स्मृति चिन्ह देकर किया गया.सभागृह में महाराष्ट्र माझा का संगीतमय प्रस्तुतीकरण किया गया . राष्ट्रपति के आगमन पर राष्ट्रगान की प्रस्तुति की गई..अपने आतिथ्य संबोधन में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि उन्हें नागपुर विद्यापीठ के इस दीक्षांत समारोह में आने पर हार्दिक प्रसन्नता हुई . महामहिम राष्ट्रपति के हाथों डॉ. रामभाऊ तुपकरी को विज्ञान पंडित की उपाधि प्रदान की गई.साथ साथ कु . राजश्री रामटेके को आचार्य की उपाधि से अलंकृत किया गया.
कुलपति द्वारा विज्ञानं,तकनिकी,वाणिज्य और प्रबंधन संजय के साथ साथ मानवीय,अंतर्विद्याशाखा के अंतर्गत आचार्य उपाधि हेतु पात्र शोधार्थियों को समक्ष प्रस्तुत कर उन्हें उपाधि से अलंकृत किया गया.
साथ ही 2022-23 में उत्तीर्ण स्नातक,स्नात्कोत्तर को उपाधि प्रदान करने की अनुमति भी दी. अपने आतिथ्य संबोधन में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय में ज्ञान की प्राप्ति करके उपाधि लेने के बाद विद्यार्थी राजनीती,वैज्ञानिक,व्यापारिक,अनुसंधान क्षेत्र में विश्वभर में नागपुर विद्यापीठ का नाम रोशन कर रहे है.उन्होंने नागपुर से शिक्षा प्राप्त करनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहाराव,मुख्यन्यायाधीश और अनेक जानेमाने विद्यार्थियों के जीवनकाल पर भी प्रकाश डाला.. द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि ज्ञान बाँटने से बढ़ता है.जरूरतमंद,वंचितों को शिक्षित करना होगा.विद्यार्थियों को केवल स्नातक बनकर उपाधि लेने के बाद नहीं रुकना है.विद्यार्थियों को शिक्षा लेकर जिज्ञासु बनना होगा सदैव कुछ ना कुछ सीखते रहना होगा.तकनीक का सदुपयोग करना होगा.हो रहे दुरूपयोग को रोकना होगा.शिक्षा की आधुनिक शैली को अपनाकारवउसमेँ निखार लाना होगा.भारत को विश्वस्तर पर आगे बढ़ाना ही मुख्य ध्येय है..इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि विद्यार्थियों को चुनौती का सामना करते हुए सीखना होगा. शिक्षकों का सम्मान करना होगा. गुरु, माता, पिता की आज्ञा का पालन करना होगा अच्छे आचरण का प्रयोग कर आदर्श विद्यार्थी बनें.केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि विद्यापीठ के 111 वेन दीक्षांत समारोह के अवसर पर सभी में खुशी की भावना है.उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पधारने पर उनका धन्यवाद् किया.गडकरी ने स्वयंकी नागपुर से ली गयी शिक्षा के साथ साथ पूर्व स्नातकों के जीवन पर प्रकाश डाला.सामान्य ज्ञान के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला.उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा कि विश्व की पाँचवीं अर्थव्यवस्था में भारत का साथ देने पर शिक्षाविदों का महत्वपूर्ण योगदान है.उन्होंने राष्ट्रपति के पधारने पर उनका धन्यवाद् किया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ.