ABMM ने किया मराठा आरक्षण का निषेध और कहा मराठा समुदाय का आरक्षण ओबीसी नही करेगी बर्दाश्त
चंद्रपूर : आज अखिल भारतीय माली महासंघ ने चंद्रपुर में प्रेस कांफ्रेंस ली, जिसमे उन्होने जालना मराठा आंदोलन के आरक्षण का निषेध करते हुए कहा की राज्य में ओबीसी और मराठा समुदाय की सटीक आबादी कोई नहीं बता सकता. मात्र अनुमान के आधार पर किसी प्रजाति की जनसंख्या बिल्कुल भी विश्वसनीय नहीं है। मराठा समुदाय की जनसांख्यिकी के बारे में अस्पष्टता है। ओबीसी कई वर्षों से जाति-वार जनगणना की मांग कर रहे हैं। मराठा समुदाय को भी जातिवार जनगणना की मांग करनी चाहिए. और उसके अनुसार यदि राष्ट्रीय स्तर पर या राज्य स्तर पर जातिवार जनगणना हो तो सभी जातियों की जनसंख्या और सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति का सटीक डेटा उपलब्ध होगा।
उन्होंने आगे बोलते हुए कहा की राज्य सरकार ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के नियंत्रण में आने वाले सरकारी, अर्ध-सरकारी प्रतिष्ठानों, निगमों और अन्य संगठनों के कर्मचारियों को मंजूरी दे दी है। जाति, अनु. जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, खानाबदोश, विशेष पिछड़ा वर्ग एवं मराठों सहित रिक्त पदों पर अधिकारी एवं कर्मचारियों के संबंध में श्वेत पत्र तैयार किया जाए। जिससे राजनीति, सहकारिता, शिक्षा, गृहकार्य तथा सेना में मराठा समाज का अनुपात तथा अधिकारियों का प्रतिशत स्पष्ट हो जायेगा।
उन्होंने सरकार से मांग कि है की मराठा जाति को किसी भी हालत में ओबीसी नहीं किया जाए. उन्हें कुनबी जाति प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जाये. और राज्य स्तर पर बिहार राज्य की तर्ज पर जातिवार जनगणना कराकर ओबीसी को न्याय दिया जाए. और मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझाया जाए. यदि राज्य सरकार ओबीसी के खिलाफ अनुचित निर्णय लेगी तो पूरे प्रदेश में ओबीसी सड़कों पर उतरकर जवाब देगा। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि वें आगामी चुनावों में ओबीसी विरोधी रुख अपनाने वाली सभी पार्टियों के खिलाफ वोट करेंगे...