मध्य भारत की सबसे बड़ी प्रदर्शनी एग्रोविज़न 24 से नागपुर में
-पीडीकेवी ग्राउंड दाभा में 24 नवम्बर से 27 नवम्बर तक रोजाना सुबह 11 से शाम 7 बजे तक विविध आयोजन
नागपुर.आनन्दमनोहर जोशी
एग्रोविज़न का भव्य उद्धघाटन 24 नवंबर को सुबह 10.30 बजे पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ मैदान दाभा में होने जा रहा है. बुधवार 22 नवम्बर को शाम को पत्र परिषद् का आयोजन सलाहकार समिति के पदाधिकारियों की प्रमुख उपस्थिति में किया गया. इस अवसर पर अध्यक्ष सी.डी. माई,आयोजन के सचिव रवि बोराटकर, रमेश मानकर, डॉ.एल.बी. कलंत्री ,सुधीर दिवे ,आनन्दराव राउत, देवेंद्र पारेख, डॉ सुनील सहातपुरे,शिरीष भगत आदि मंच पर उपस्थित थे.एग्रोविजन सलाहकार समिति के अध्यक्ष सी.डी मायी ने बताया कि प्रथम दिवस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन 24 नवम्बर की सुबह 10.30 बजे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के करकमलों द्वारा होगा.इस अवसर पर बतौर अतिथि केन्द्रीय दुग्ध व्यापार, मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री परषोत्तम रूपाला, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस , केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी,महाराष्ट्र के महसूल, पशु संवर्धन और दुग्ध विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल , कृषि मंत्री धनञ्जय मुंडे,राष्ट्रीय दुग्ध विकास मंडल के अध्यक्ष डॉ. मीनेष शाह उपस्थित रहेंगे.साथ ही चार दिवसीय आयोजन के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी,महाराष्ट्र या मंत्री सुधीर मुनगंटीवार,उदय सामंत,चन्द्रशेखर बावनकुले,कृषि मूल्य आयोग महाराष्ट्र के अध्यक्ष पाशा पटेल, उत्तरप्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ,अरुणाचल प्रदेश के कृषि मंत्री तागे ताकी , आसाम के कृषि मंत्री अतुल बोरा भी उपस्थित रहेंगे.अध्यक्ष मायी ने बताया कि एग्रोविज़न एग्रोविज़न कार्यशाला,राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं परिसंवाद का आयोजन नागपुर शहर के दाभा स्थित पंजाबराव कृषि विद्यापीठ के भव्य मैदान में 24 नवम्बर से 27 नवम्बर तक किया जा रहा है.कुछ ही समय में एग्रोविज़न यह भारत की विशाल कृषि प्रदर्शनी बन गई है.
विदर्भ के किसानों को तकनीक शिक्षा के माध्यम से केंद्रीय मंत्री और नागपुर शहर के सुप्रसिद्ध सांसद नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में 14 वर्षों पूर्व एग्रोविज़न का प्रारम्भ हुआ.
इस वर्ष एग्रोविज़न सलाहकार समिति द्वारा सुझाए गए 31 से अधिक विषयों पर कार्यशालाओं के आयोजन किये जायेंगे.किसानों की सफलता की गाथाओं से अन्य किसानों को प्रेरणा भी मिलेगी.
इस वर्ष हल्दी,अदरक की बुवाई और प्रक्रिया,मौसम्बी ,केला का निर्यातक्षम उत्पादन, गन्ना लगाने की तकनीक, मौसम्बी और संतरा उत्पादन,डेरी उद्योग, भेड़ बकरी पालन,मत्स्य पालन,मुर्गी पालन,सब्जियों के उत्कृष्ट उत्पादन,सब्जी बीज उत्पादन,कपास के उत्पादन की तकनीक, रंगीन, सर्जिकल कपास,अलसी, करडी, सागौन बीज का उत्पादन,कृषिवित्त,हरितगृह तकनीक, हीड्रोपोनिक्स, वर्टीकल फार्मिंग,ग्रामीण,जलसमृद्धि से ग्राम समृद्धि,सूक्ष्म सिंचाई,जलयुक्त शिवार,समूह खेती,सेंद्रिय खेती,खेती के अत्यधुनिकरण, कृषि रसायन का सही तकनीक से इस्तेमाल,कृषि पैटर्न, खेती में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग,खेती के लिए ड्रोन तंत्रज्ञान,हवामान के अंदाज का महत्त्व आदि अनेक विषयों पर कार्यशालाओं के मार्गदर्शन होंगे.पत्र परिषद को सम्बोधित करते हुए मायी ने बताया कि नागपुर जैसे शहर में अनार के स्थान पर सीता फल के उत्पाद जोर दिया जा रहा है।
जहाँ मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र को राज्य और केंद्र सरकार में शामिल मंत्रियों ने पिछले सत्तर से ज्यादा वर्षों तक महत्त्व दिया है .आनेवाले समय में विदर्भ के सम्पूर्ण ग्यारह जिलों को महत्त्व देकर संतरा, मौसंबी, कपास, भिवापुरी मिर्ची ,अनेक सब्जी के साथ अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देना होगा.
इसके लिए वर्तमान समय में आयोजित होनेवाले परिसंवाद से विदर्भ के किसानों को फायदा मिलेगा.
कृषि यह आय का स्त्रोत नहीं होकर देश के अन्नदाता किसान की धरोहर मानकर इसका तकनीक के माध्यम से विस्तार करना अत्यंत आवश्यक है.
देशभर में खोए हुए आत्मसम्मान को प्राप्त करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा आधुनिक एग्रोविज़न प्रदर्शनी विदर्भा के हजारों किसानों के साथ देशभर के लाखों किसानों के लिए वरदान साबित होगी.
भव्य कृषि प्रदर्शनी, इनोवेशन,स्टार्ट अप, एग्रोविज़न अवार्ड,कृषिमंथन निबंध प्रतियोगिताएं से भी किसानों का खोया सम्मान वापस मिल सकता है. पत्र परिषद् को सुधीर दीवे ने भी सम्बोधित किया कार्यक्रम स्थल पर जोरशोर से कार्यालय,स्टाल,बड़े बड़े डोम का कार्य तेजी से शुरू है.